Tuesday, November 17, 2009

प्रेम के बारे में एक भी शब्द नहीं

विरेन डंगवाल जी के नये कविता संग्रह `स्याही ताल´ का लोकापर्ण नैनीताल फिल्म फैस्टविल में हुआ था। प्रस्तुत है उसी संग्रह से एक कविता



प्रेम के बारे में एक भी शब्द नहीं

शहद के बारे में
मैं एक शब्द भी नहीं बोलूँगा

वह
जो बहुश्रुत संकलन था
सहस्त्र पुष्प कोषों में संचित रहस्य रस का

जो न पारदर्शी न ठोस न गाढ़ा न द्रव
न जाने कब
एक तर्जनी की पोर से
चखी थी उसकी श्यानता
गई नहीं अब भी वह
काकु से तालु से
जीभ के बीचों-बीच से
आँखों की शीतलता में भी वह

प्रेम के बारे में
मैं एक शब्द भी नहीं बोलूँगा।


- विरेन डंगवाल






13 comments:

शरद कोकास said...

वीरेन जी नैनीताल के बाद यहाँ भिलाई आये मुक्तिबोध फिल्म व कला उत्सव मे। दो दिन उनके साथ बिताये और मज़े की बात बतायें .. अपना संग्रह स्याही ताल वे यहाँ स्टाल से "खरीदकर" ले गये ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

प्रेम के बारे में एक भी शब्द नहीं

शहद के बारे में
मैं एक शब्द भी नहीं बोलूँगा

बहुत ही वजनदार रचना है।
बधाई!

Vineeta Yashsavi said...

शरद जी नैनीताल में भी हम लोगों ने विरेन दा से ही उनकी किताब खरिदवाई और उस पर उनके साइन भी लिये...

आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) said...

बहुत खूब लगी वीरेन जी की यह रचना..

हैपी ब्लॉगिंग

Unknown said...

Viren da ki kavita sangrah se bahut achhi kavita tumne lagayi hai

mujhe unki "Ram Singh" kavita bahut pasand hai.

Science Bloggers Association said...
This comment has been removed by the author.
दिगम्बर नासवा said...

प्रेम के बारे में
मैं एक शब्द भी नहीं बोलूँगा....

लाजवाब रचना है यह ..... आहरे अर्थ भरे नयी सोच को उद्वेलित करती ............

Unknown said...

bahut achhi kavita.

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत लाजवाब रचना. शुभकामनाएं.

रामराम.

Arshia Ali said...

वीरेन डंगवाल हमारे समय के चर्चित हस्ताक्षर हैं। उनकी कविता पढकर अच्छा लगा।
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11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।
गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?

Science Bloggers Association said...

डंगवाल साहब का जवाब नहीं।
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सिर पर मंडराता अंतरिक्ष युद्ध का खतरा।
परी कथाओं जैसा है इंटरनेट का यह सफर।

deepak said...

Vineeta ji I like Nainital and your blog too. I am In Hindustan New delhi,One of my sir know you and told about you.Its nice to read you here.Please write more about 'pahaad'.people who live there and their feelings. I feel that they have a tough life but strong will to struggle.

Vineeta Yashsavi said...

Thanx Deepak ji...