कल सुबह सुबह दिल्ली से मेरे मित्र का फोन आया और उसने कहा - तुझे पता है आज के हिन्दुस्तान में तेरे ब्लॉग के बारे में आया है और तेरे ब्लॉग की अच्छी समीक्षा की है रवीश जी ने। उसकी बात सुन के मुझे बेहद खुशी हुई। अभी मैं कुछ और करती ही कि एक मित्र का और भी फोन आ गया और सीधे बोले - और भई विनीता जी ! आज के हिन्दुस्तान में तो नैनीताल ही छाया हुआ है। आपका ब्लॉग भी हिन्दुस्तान में आ गया। अभी तक तो मैं पेपर भी नहीं देख पाई थी इसलिये मेरी उत्सुकता बढ़ गयी थी। ऑफिस जाते समय मैंने बाजार से पेपर लिया और ऑफिस मैं जा के पढ़ा तो वाकय में पढ़ के अच्छा लगा। उससे भी ज्यादा खुशी तब हुई जब मेरे साथ वालों ने और सर ने मेरी और मेरे ब्लॉग की तारीफ की।
इस तारीफ का बहुत बड़ा हिस्सा उन सब लोगों का भी है जो मेरे ब्लॉग को पढ़ते हैं, मुझे टिप्पणी करके मेरा हौंसला बढ़ाते हैं और नये-नये सुझाव भी देते हैं जिस कारण मैं ब्लॉग को बेहतर बनाने की कोशिश कर पाती हूं।