Tuesday, May 18, 2010

ऐवरेस्ट में चढ़ने वाला पहला पर्वतारोही


George Mallory
जॉर्ज मैलेरी एक मात्र पर्वतारोही था जिसने ब्रिटिश सरकार के ऐवरेस्ट में पर्वतारोहण करने के के सन् 1921, 1922 और 1924 के अभियानों में हिस्सा लिया था। मैलोरी का जन्म 18 जून 1886 में हुआ था और उसका देहान्त 1924 के अभियान के दौरान 8 जून 1924 में हुआ। उस समय उसकी आयु 38 साल से कुछ कम थी।


बचपन से ही मैलेरी एडवेंचर के शौकिन थे और रॉक क्लाइम्बिंग किया करते थे। उन्होंने 1905 में मैग्डेलेन कॉलेज में हतिहास के शिक्षक के तौर पर लिया। उनके इस काम में उस समय रुकावट पैदा हुई जब 1914-18 में विश्व युद्ध की शुरूआत हुई जिसके दौरान उन्हें फ्रांसीसी सेना में गनर के तौर पर जाना पड़ा। इस युद्ध के बाद उनकी छवि एक साहसिक पर्वतारोही की बन गयी।

सन् 1921 तक ऐवरेस्ट बिल्कुल अनछुआ था और इसके बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इसकी जानकारियों को इकट्ठा करने के लिये ब्रिटिश पर्वतारोहियों ने इस पर जाने का निर्णय किया। जिसमें मैलरी का चयन भी किया गया।


मैलरी इस अभियान दल के लीडर थे। यहाँ की स्थितियाँ बहुत विकट थी और इन पर्वतारोहियों के पास इन स्थितियों से निपटने के लिये भरपूर संसाधन न होने के कारण वापस आना पड़ा।

सन् 1922 में अच्छी तैयारियों के साथ अभियान दल ने फिर से एक नई शुरूआत की। उस समय यह अभियान दल 27,000 फीट की ऊँचाई तक पहुँच गया था जो कि एक रिकॉर्ड था पर अभी भी उन्हें 2,000 फीट ऊपर और जाना था ऐवरेस्ट में विजय पाने के लिये। मैलरी ने निर्णय किया था कि दूसरी बार वो इसमें सफलता पा लेंगे पर इस समय एक भयानक ऐवेलॉन्च आ गया जिसमें 7 शेरपा दफन हो गये और इस अभियान को आधे में छोड़ कर बेहद दुःखी मन से मैलरी को वापस आना पड़ा। उन्हें शेरपाओं को खो देने का मलाल हमेशा बना रहा जिसके लिये वह स्वयं को भी दोषी मानते थे।


1924 में जब फिर से एक बार ऐवरेस्ट पर पर्वतारोहण की बात हुई तो मैलरी इसमें जाने के इच्छुक नहीं थे क्योंकि वो पिछले हादसे को अपने ज़हन से निकाल नहीं पाये थे साथ ही वो अपनी पत्नी रुथ और अपनी नौकरी को भी नहीं छोड़ना चाहते थे पर अंततः वो इस अभियान में जाने के लिये तैयार हो गये।

इस अभियान में वो अपने सह पर्वतारोही इरविन के साथ ऐवरेस्ट के काफी निकट तक जा पहुंचे थे। उस समय वो ऐवेस्ट से मात्र 650 फीट नीचे थे। पर उसी समय मौसम फिर से गड़बड़ा गया और वो और इरविन इसमें गायब हो गये। उनके मित्र ओडल दो बार 27000 फीट तक जाकर उन्हें ढूँढने के कई प्रयास किये पर उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा।


उसके बाद से यह एक पहेली बनकर रह गया कि मैलरी व इरवीन ऐवरेस्ट से वापस आते समय गायब हुए थे या ऐवरेस्ट पर चढ़ते समय। 75 साल बाद 1 मई 1999 में मैलोरी का शरीर मिला। उसके कपड़ों मे उसका नाम कढ़ा हुआ था और उसके साथ वह रस्सी भी थी जिसका इस्तेमाल 1924 में हुआ था। उनका शरीर ऐवरेस्ट से लगभग 2,000 फीट नीचे मिला। इरविन का शरीर अभी तक भी नहीं मिल पाया है। मैलेरी के कुछ कागजाद उनके शरीर के साथ मिले पर उनकी पत्नी रुथ की तस्वीर उनके साथ नहीं थी जिसे वो हमेशा अपने पास रखा करते थे। इस तस्वीर के न मिलने से इस बात के कयास लगाये जाते रहे कि वो शायद एवेरस्ट तक पहुंचे थे क्योंकि वो हमेशा कहा करते थे कि वो अपनी पत्नी रुथ की तस्वीर दुनिया की सबसे उंची चोटी पर रख कर आयेंगे।

पर यह सबे अभी तक भी अनबुझ पहेली की तरह बना हुआ है।

George Mallory and Andrew Irvine preparing to leave their camp near Everest in 1924.

mallory and wife

return from 1st

The 1924 expedition at base camp. Back row, left to right Andrew Irvine