Thursday, March 5, 2009

मेरा ब्लॉग हिन्दुस्तान में

कल सुबह सुबह दिल्ली से मेरे मित्र का फोन आया और उसने कहा - तुझे पता है आज के हिन्दुस्तान में तेरे ब्लॉग के बारे में आया है और तेरे ब्लॉग की अच्छी समीक्षा की है रवीश जी ने। उसकी बात सुन के मुझे बेहद खुशी हुई। अभी मैं कुछ और करती ही कि एक मित्र का और भी फोन आ गया और सीधे बोले - और भई विनीता जी ! आज के हिन्दुस्तान में तो नैनीताल ही छाया हुआ है। आपका ब्लॉग भी हिन्दुस्तान में आ गया। अभी तक तो मैं पेपर भी नहीं देख पाई थी इसलिये मेरी उत्सुकता बढ़ गयी थी। ऑफिस जाते समय मैंने बाजार से पेपर लिया और ऑफिस मैं जा के पढ़ा तो वाकय में पढ़ के अच्छा लगा। उससे भी ज्यादा खुशी तब हुई जब मेरे साथ वालों ने और सर ने मेरी और मेरे ब्लॉग की तारीफ की।

इस तारीफ का बहुत बड़ा हिस्सा उन सब लोगों का भी है जो मेरे ब्लॉग को पढ़ते हैं, मुझे टिप्पणी करके मेरा हौंसला बढ़ाते हैं और नये-नये सुझाव भी देते हैं जिस कारण मैं ब्लॉग को बेहतर बनाने की कोशिश कर पाती हूं।

39 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत बहुत बधाई विनीता जी

अनिल कान्त said...

badhayi ho aapko

222222222222 said...

शुभकामनाएं अनंत।

Unknown said...

badhi hoo aapko.

कौतुक रमण said...

बधाई हो. यह सचमुच में गर्व की बात है.

दीपक कुमार भानरे said...

बहुत बधाई आपको .

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बधाई जी आपको. वाकई बहुत लाजवाब स्मीक्षा की गई है आपके ब्लाग की.

और वो भी झूंठी नही बल्कि आपका लेखन ही ऐसा है कि तारीफ़ तो करनी ही पडेगी. बहुत बधाई और शुभकामनाएं. और भी अच्छे से लिखिये.

रामराम.

Manish Kumar said...

badhai ho is khushkhabri ke liye.

P.N. Subramanian said...

बड़ी प्रसन्नता हुई यह जानकार. बधाईयाँ.

Alpana Verma said...

बहुत बहुत बधाई.
बेहद खुशी हुई.

PD said...

badhayi ho ji.. :)

Unknown said...

Bahut Bahut Badhai Vinneta aapko...

अभिषेक मिश्र said...

Acche blog ki sarahna to honi hi thi. Badhai.

उन्मुक्त said...

बधाई।

Unknown said...

Bahut achhi news di hai apne.

bahut bahut badhai.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

बधाई हो बधाई। तारीफ सुनके बहे नहीं, बहके नहीं - सार्थक लेखन जारी रखे, इसी प्रार्थना के साथ:)

Batangad said...

बधाई

Anonymous said...

कामना है कि आपका यश इसी तरह चारों दिशाओं में फैले। बधाई।

Udan Tashtari said...

वाह वाह!! बहुत बहुत बधाई और अनेक शुभकामनाऐं.

संगीता पुरी said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

L.Goswami said...

बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

नीरज गोस्वामी said...

बधाई...बारम्बार बधाई...

नीरज

डॉ .अनुराग said...

बढ़िया ....तो ऐसा कीजिये अब एक चकाचक पोस्ट लिख डालिए फ़ौरन मन को हरने वाली सी....

Shikha Deepak said...

उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

नीरज मुसाफ़िर said...

अरे विनीता जी, हम ठलुवों का तो काम ही यही है. आखिर हमें भी तो सुशील जी ने खबर की थी. इस तरह की खबरें मिलना वाकई अजीब अनुभव होता है. मन फुटों मीटरों नहीं, मीलों कूदता है. देखते हैं अगले बुधवार को रविश जी किसकी समीक्षा करते हैं.

अनूप शुक्ल said...

बधाई हमारी तरफ़ से भी !

Anonymous said...

बहुत बहुत बधाई विनीता जी

aap ko aaj kaa bhagoriya parv achchha laga yah jaankar khushi hui
manaali ilaake kaa parv
naaglok me ek din pahle kabhi likhaa tha use dhoondhkar jaroor padhen
koi baat mujhse chhut gai ho to bataae kyonki me sirf ek baar naggar ke is ilaake me gayaa hun

Pramendra Pratap Singh said...

हमारी तरफ से भी बहुत बहुत बधाई

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Badhyee aapko !!

Tarun said...

vinita, bahut bahut badhai ho

Gyan Darpan said...

बड़ी प्रसन्नता हुई यह जानकार. बधाईयाँ.

Science Bloggers Association said...

एक बार फिर से बधाई स्‍वीकारें।

ghughutibasuti said...

मेरी बधाई कहाँ खो गई ? फिर से स्वीकारें।
घुघूती बासूती

सुशांत सिंघल said...

प्रिय विनीता यशस्वी,

जब आप इतने अच्छे ढंग से लिखेंगी तो लोग पसंद तो करेंगे ही, समाचार पत्र भी नोटिस करने लगेंगे। मेरे घर में भी हिन्दुस्तान अखवार आता है और वह टिप्पणी मैने भी पढ़ी थी, बहुत अच्छा भी लगा था, विशेषकर इस लिये कि आप मेरे ब्लॉग www.sushantsinghal.blogspot.com पर अक्सर आती हैं और मेरे प्रयासों को सकारात्मक पाती हैं। स्वाभाविकतः मुझे लगता है कि जैसे मैं आपको जानता हूं।

समाचार पत्र खुद अपनी ओर से आपके लेखन को नोटिस करें और प्रकाशित करने लगें तो निश्चय ही अच्छा लगता है। पिछले सप्ताह ही मेरे एक मित्र ने मुझे भी बधाई दी कि दैनिक अमर उजाला ने मेरे ब्लॉग पर प्रकाशित पोस्ट को जस-का-तस प्रकाशित कर दिया है। मैने तारीख जाननी चाही तो वह बोला - लगभग दस दिन पहले! मैं एक पब्लिक लायब्रेरी में गया जिसमें मैं पहले कभी नहीं गया था, बेतरतीब ढंग से पड़े अखवारों के ढेर में से अमर उजाला ढूंढे। जब खोज अन्ततः सफल हुई तो वहां व्यवस्थापक महोदय से प्रार्थना की कि उस पृष्ठ को ले जाने की अनुमति दें। उन्होंने कारण पूछा तो उस पृष्ठ पर प्रकाशित अपनी पोस्ट उनको दिखाई। पूरा आलेख पढ़ने के बाद उन्होंने बधाई दी और अखवार ले जाने की सहर्ष अनुमति दे दी!

एक बार पुनः बधाई स्वीकार करें। हम सब चिठ्ठाकार एक ही नाव के यात्री हैं।

सुशान्त सिंहल
www.sushantsinghal.blogspot.com

Harshvardhan said...

vinita ji aapke blog ke baare me hinustan me padkar khushi hui. meri taraf se aapko badhayi

आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) said...

इस उपलब्धि के लिए आपको बहुत बहुत बधाई .. आपको होली की भी ढेरों शुभकामनाएं...

kumar Dheeraj said...

बहुत बधाई यशस्वी जी । मैने भी पढ़ा था । खैर आपने बहुत बढ़िया भी लिखा है नैनीताल शहर के बारे में । हिन्दुस्तान में नाम आने पर आपको बधाई ।

Anonymous said...

webduniya मुख पृष्ठ>>फोटो गैलरी>>धर्म संसार>>त्योहार>> होली के रंग भगोरिया के संग ! (Holi - Bhagoriya Festival Photogallery)
log on kare aur
bhagoriyaa ke drushyo se avgat ho le

मुनीश ( munish ) said...

wow! congrats ! thats great!