Wednesday, February 25, 2009

इस तरह बना नैनीताल का पुस्तकालय

नैनीताल में पुस्तकालय की स्थापना की घटना भी अपने आप में एक रोचक प्रसंग है। स्व. श्री मोहन लाल साह जी को नैनीताल जैसी जगह में पुस्तकालय न होने का अफसोस था और उन्हें यह कमी बार-बार अखरती रहती थी। सन् 1933-34 के लगभग उन्होंने नैनीताल में पुस्तकालय बनवाने का प्रस्ताव नगरपालिका में रखा। उस समय नैनीताल नगरपालिका के अध्यक्ष मि. बूशर ने इस प्रस्ताव को यह कह कर स्वीकार नहीं किया कि - इस समय पालिका के पास इतना पैसा नहीं है कि पुस्तकालय का खर्च वहन किया जा सके। उन्होंने पालिका के सदस्यों को बताया कि - पुस्तकालय के निर्माण में लगभग 5,000 रुपयों का खर्च आयेगा जो पालिका वहन नहीं कर सकती है इसलिये इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

मोहन लाल साह जी ने अपनी ओर से 5,000 रुपये पुस्तकालय निर्माण के लिये देने की पेशकश की और कहा - उनकी सिर्फ इतनी सी शर्त है कि पुस्तकालय का नाम उनके पिताजी के नाम पर दुर्गा शाह म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी रखा जाये। उनकी इस शर्त को मान लिया गया और नैनीताल में पुस्तकालय की स्थापना हो गई। यह पुस्तकालय बाद में उत्तर भारत के प्रमुख पुस्तकालयों में शुमार हुआ। इस पुस्तकालय में आज भी अनेक दुर्लभ पुस्तकों बहुत अच्छा संकलन है।

कुछ वर्ष बाद नैनीताल नगरपालिका के उस समय के अध्यक्ष ने यह कह कर कि - नगरपालिका प्रतिवर्ष पुस्तकालय की पुस्तकों को खरीदने के लिये बहुत धनराशि खर्च करती है, मोहन लाल साह जी द्वारा दिये गये 5,000 रुपये उन्हें लौटा दिये और पुस्तकालय का नाम म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी रख दिया परन्तु मोहन लाल साह जी ने इस चैक को कैश नहीं करवाया और नगरपालिका को ही वापस लौटा दिया।

30 अगस्त, 1946 को उत्तर प्रदेश शासन ने इस पुस्तकालय का नाम फिर से दुर्गा शाह म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी ही रख दिया और आज भी इस पुस्तकालय को इसी नाम से जाना जाता है।

23 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

आपने बहुत ही अनुकरणीय व्यकतित्व श्री मोहनलाल जी साह से परिचित करवाया. असल एम ऐसे ही लोग उदाहरण हैं जो कुछ करने का हौसलां देते हैं. उस समय इनकी पहल ना होती तो इतनी भव्य लायब्रेरी नैनीताल को कहां से मिलती?

आपका बहुत आभार इस बात को बताने के लिये.

रामराम.

P.N. Subramanian said...

नैनीताल में पुस्तकालय की स्थापना सम्बंधित जानकारी के लिए आभार.

hem pandey said...

पुस्तकालय का जो फोटो आपने उपलब्ध कराया है, उसको देख कर लगता है कि पुस्तकालय की इमारत भी वर्षों पुरानी ही है.

Vinay said...

रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी है

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चाँद, बादल और शाम

संगीता पुरी said...

सुंदर जानकारी दी है आपने .... आभार ।

Unknown said...

Nainital ke pustkalay ke baare mai achhi jankari uplabdha karayi hai apne.

अभिषेक मिश्र said...

स्व. मोहनलाल साह जैसा समर्पित व्यक्ति ही ऐसे कार्य को संभव बना सकता था. उनके इस जज्बे को नमन.

Unknown said...

Ek prernadayak vyaktitva ke baare mai batane ki liye dhanyawaad.

admin said...

नैनीताल पुस्तकालय की जानकारी पाकर प्रसन्नता हुई। आभार।

रंजू भाटिया said...

बहुत रोचक लगी यह जानकारी ...शुक्रिया

अमिताभ श्रीवास्तव said...

दुर्गा शाह म्युनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी और स्व. श्री मोहन लाल साह जी के सन्दर्भ में जानकारी थी, किन्तु ये काफी पुरानी हो चली थी, आपने एक बार फिर ताजा कर दी. और अब तो एसा लगता है, वहा बैठ कर घंटो पढ़ते हुए गुजार दू. पता नहीं कब एसा sunahara vaqt prapt होगा? धन्यवाद जो जानकारी ताजा कराइ .नैनिताल जाने के लिए समय निकालने की सोचने लगा हूँ.

kumar Dheeraj said...

नैनीताल के पुस्तकालय के बारे में जानकारी देने के लिए आप बधाई के पात्र है । बहुत सुन्दर और रोचक लेख है शुक्रिया

राजीव करूणानिधि said...

आपने एक इतिहास से परिचय करवाया. शुक्रिया आपका.

Harshvardhan said...

nainital aana to vaise pahle hua tha lekin pustakalay ke baare me itni jaankaari nahi thee . aapko jaankarii ke liye aabhar

Harshvardhan said...

nainital aana to vaise pahle hua tha lekin pustakalay ke baare me itni jaankaari nahi thee . aapko jaankarii ke liye aabhar

Anonymous said...

aapki photo ne mujhe to yaad dilaa diyaa
manaali ka hospital

डॉ .अनुराग said...

dilchasp hai...hamne kabhi gaur nahi kiya is aor vaise vahan kai baar jana hua hai.

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाह आपकी प्रस्तुति को नमन करता हूं

हरकीरत ' हीर' said...

Nanital k bare me acchi jankari de rahin hain aap....aage aur janne ki iccha rahegi....!!

Unknown said...

Very Informative.Nainital is still loved by all Tourist.It is not only beautiful hilly town but also a pilgrimage as Naina Devi is a shaktipeeth.Further Nainital is also famous for its Boarding Schools,St.Mary's Convent,St.Joseph,Sherwood,Bila Vidy mandir, where students comprises of not only from allover India but also from Nepal.

Science Bloggers Association said...

बधाई हो, आपके ब्लॉग की चर्चा आज के हिन्दुस्तान के ब्लॉग चर्चा कॉलम में की गयी है।

Tarun said...

विनीता, नैनीताल कि लाइब्रेरी के बारे में अच्छी जानकारी दी है आपने।

Comic World said...

नैनीताल के पुस्तकालय के बारे में जानने की बहुत दिनों से इच्छा थी जो अब जाके पूरी हुई.मुझे इस पुस्तकालय में कुछ विशेष पुस्तकों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है,क्या पुस्तकालय का कोई संपर्क सूत्र दे सकतीं हैं!