Saturday, January 24, 2009

आज का नैनीताल

घुघुती जी और गोविन्द प्रकाश जी ने मेरी पिछ्ली पोस्ट 'पुराना नैनीताल' में टिप्पणी की थी कि यदि में 'आज के नैनीताल' की तस्वीरें भी लगाती तो अच्छी तुलना हो जाती।

इस पोस्ट में मैं आज के नैनीताल की कुछ तस्वीरें लगा रही हूं।








15 comments:

Unknown said...

Aapne achha kiya NAYE aur PURANE NAINITAL ki pictures laga ke.

dono samay ke nainital mai zmeen-aasmaan ka fark hai.

Unknown said...

Kafi badal gaya hai ab nainital.

रंजू भाटिया said...

बदलाव साफ़ दिख रहा है ..सुंदर है फ़िर भी यह

P.N. Subramanian said...

हमने देखी ही नहीं है इसलिए तुलना क्या करें. अलबत्ता सुंदर लग रही है.
इस बार बनाएँगे प्रोग्राम. आभार.

संगीता पुरी said...

फोटो काफी खूबसूरत हैं.....

महेंद्र मिश्र.... said...

सुंदर पोस्ट

ताऊ रामपुरिया said...

नये और पुराने मे फ़र्क तो बहुत है पर हम लोगो को नैनी ताल नाम से ही अच्छा लगता है. जिअन मे एक बार वहां आये हैं और कभी दम लगा लिया तो और एक बार.

मेरे पास भी वहां खींचे गये सैकडों फ़ोटोग्राफ़ हैं आज अभी देखते हैं और पुरानी यादों को ताजा करते हैं.

सुन्दर लग रहा है हमें तो.

रामराम.

Udan Tashtari said...

कितना कुछ बदल गया है...

Harshvardhan said...

ab badal gaya hai naya nainital vineeta ji

purana alag hai naya bilkul alag

प्रकाश गोविंद said...

तस्वीरें देखीं !
मुझे तो खुशी इस बात पर हुयी कि
पहली ही तस्वीर में मेरी वाली नाव
नजर आ गई !

सच्ची में अच्छा लगा !

मैं सदैव नदी को नाव के साथ
और आकाश को पंक्षियों के साथ ही
देखना चाहता हूँ !बचपन में जब भी
सीनरी बनाता था ये दो चीजें अनिवार्य
सी होती थीं !

आज का नैनीताल भी बेहद खूबसूरत
नजर आ रहा है !
लेकिन मैं जानता हूँ कि तस्वीरें हमेशा
सच नहीं बोलतीं ! पहले और अब के
नैनीताल में जो बदलाव आया है वो तो
वहां जाकर ही महसूस किया जा सकता है !

एक समय था जब मैं हर साल कौसानी
जाता था ........अब पता नहीं
मेरा कौसानी कैसा है !

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

पुराने और नए नैनीताल में इतना अधिक अन्तर...........मेरा तो मन ही खट्टा हो गया.........यशस्वी जी,तस्वीरें बेशक अच्छी लगती हैं.......मगर विकास के इस घिनौने रूप ने धरती की प्राकृतिकता को पूरी तरह से नष्ट ही कर दिया है...........मैं तो अत्यन्त व्यथित हूँ........!!

Tarun said...

फ्लैट्स या भोटिया मार्केट की भी एक-ठो लगा देते, अरसा हो गया है उन्हे देखे हुए भी।

ghughutibasuti said...

वाह यह हुई ना बात! मजा आ गया।
चित्रों के लिए धन्यवाद।
घुघूती बासूती

अभिषेक मिश्र said...

Aabadi badh gayi hai, magar khubsurati abhi bhi barkarar hai. Dhanyawad.

नीरज मुसाफ़िर said...

विनीता जी,
आपने बताया था कि नए नैनीताल की तस्वीरें भी लगा दी हैं. मानव विकास और प्राकृतिक विकास साफ़ दिख रहा है. नैनीताल दूसरे शहरों की तरह नहीं है कि कंक्रीट के जंगल से नैचुरल जंगल दब गए. यहाँ पर अभी भी बहुत कुछ है देखने को.