Thursday, April 7, 2016

नैनीताल के ईर्द-गिर्द भी काफी कुछ है देखने के लिये...

विस्तार के साथ अगली पोस्ट में। फिलहाल तस्वीरें ही... 











3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-04-2016) को "नैनीताल के ईर्द-गिर्द भी काफी कुछ है देखने के लिये..." (चर्चा अंक-2306) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Rohit Singh said...

अभी दरवाजे से लौटा हूं....चचा जिम कार्बेट से उनके घर से मिलकर ही लौट आया... नौकरी नाम के काम की मजबूरी है..जो तीन चार दिन से ज्यादा छुट्टी नहीं देती.....वरना तो दस पंद्रह दिन से कम में क्या लौटें...

कविता रावत said...

बहुत सुन्दर ,,,,