Tuesday, November 3, 2009

कभी कभी ऐसा भी होता है



 







 

 

 



14 comments:

Ashish Khandelwal said...

वाह, बिना एक भी शब्द के यह पोस्ट कितना कुछ कह गई.. कहीं इसने गुदगुदाया तो कहीं सिविक सेंस के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया..

हैपी ब्लॉगिंग

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

हूँ, इसे कहते हैं सजग दृष्टि।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

"अर्श" said...

kaamyaab post shukriyaa ji


regards
arsh

Abhishek Ojha said...

कानपुर की याद हो आई. वैसे तो ये हर जगह होता है पर फुर्सत में तभी घुमा करते थे. पुणे में भी कभी कभार दिखाई दे जाते हैं ऐसे दृश्य.

Kulwant Happy said...

तस्वीरें बोलती है...आपकी पोस्ट भी कुछ इस तरह ही है।

अनिल कान्त said...

बोलती हुई तसवीरें

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

चित्रों के माध्यम से सभी कुछ तो कह दिया आपने।
बधाई!

Unknown said...

kuchh kahe bin hi sab kuchh kah diya

M VERMA said...

बहुत खूब क्या निगाह है!!

मुनीश ( munish ) said...

very sharp observation. nainital ?

Unknown said...

bahut khub

Rakesh Dhoundiyal said...

Chitthajagat par Nainital Label click kiya to aapke blog par chala aaya.Apke blog ne mujhe Nainital ghuma dia .Nainital par sabhi post dekhi.Bahut achha laga.Thanx!

शरद कोकास said...

इसे कहते है शब्द नही चित्र । बढिया कलेक्शन है जारी रखे ।

डॉ .अनुराग said...

इसे कहते है कैमरे के बोल !