Friday, August 14, 2009

स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका

स्वतंत्रता संग्राम में उत्तराखंड की महिलाओं की भी अहम भूमिकायें रही हैं। मुझे उनमें से ही कुछ महिलाओं के बारे में थोड़ा-बहुत पता चल पाया और उसके आधार पर ही यह पोस्ट बनाने की कोशिश की है। इन सभी महिलाओं ने आजादी की लड़ाई में मुख्य भुमिकायें निभाई थी। इन महिलाओं के अलावा भी ऐसी कई महिलायें होंगी जिनके बारे में अभी पता नहीं चल पाया। उम्मीद करते हैं कि भविष्य में शायद उनके बारे में भी पता चल सके। यह सभी महिलायें नैनीताल से गिरफ्तार की गई थी और इनका अपराध स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना था जो अंग्रेजी हुकुमत को नागवार गुजरा।

श्रीमती हीरा देवी : इन्हें वाद संख्या 150/42 के तहत दिनांक 30-10-42 को एस.डी.एम. कोर्ट नैनीताल द्वारा 3 माह की सजा दी गई थी।

श्रीमती कुन्ती देवी : इन्हें वाद संख्या 195/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम कोर्ट नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा और 15 रु. जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती सरली देवी : इन्हें वाद संख्या 189/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 20 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती धानी देवी पत्नी श्री उर्बादत्त : इन्हें वाद संख्या 190/40 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 20 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती चन्द्रावती पत्नी श्री नन्दलाल : इन्हें वाद संख्या 194/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा 6 माह की जेल व 20 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती हंसा देवी पत्नी ठा. नर सिंह : इन्हें वाद संख्या 176/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 5 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती सरस्वती
: इन्हें वाद संख्या 191/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 15 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती घना देवी, पत्नी श्री विजय सिंह : इन्हें वाद संख्या 192/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा 4 माह की सजा की सजा दी गई थी।

श्रीमती देवकी देवी : इन्हें वाद संख्या 188/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 5 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती सरस्वती, विधवा धन सिंह : इन्हें वाद संख्या 193/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 5 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती भागीरथी, पत्नी श्री प्रेम बल्लभ : इन्हें वाद संख्या 174/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल द्वारा अदालत उठने तक की सजा व 5 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

श्रीमती कुन्ती, पत्नी श्री गंगाराम : इन्हें वाद संख्या 175/41 के तहत दिनांक 12/5/41 को एस.डी.एम. कोर्ट, नैनीताल 6 माह की सजा व 15 रुपये जुर्माने की सजा दी गई थी।

सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सलाम




14 comments:

विनोद कुमार पांडेय said...

भारत को स्वतन्त्रता दिलाने मे महिलाओं की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण थी..यह मानी हुई बात है, झाँसी की रानी से लेकर इंदिरा गाँधी तक योगदान अविस्मरणीय है.

Ashish Khandelwal said...

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर महिला स्वतंत्रता सेनानियों के उल्लेख वाली इस पोस्ट ने देशभक्ति से रोम रोम पुलकित कर दिया। इनकी विस्तृत जानकारी मिल जाए अगली किसी पोस्ट में तो कहना ही क्या। हैपी ब्लॉगिंग.

अर्चना तिवारी said...

अनुपम लेख...नमन वीरांगनाओं
जय हिंद ! जय भारत !

Unknown said...

Apne in jabaaz mahilao ki baare mai bata ki achha kaam kiya hai

yadi in mahilao ke baare mai aur detail apko mil jaaye to use bhi blog pe lagana

Vinay said...

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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INDIAN DEITIES

Unknown said...

Nainital ki mahila swatntrata sainaiyo pe apki ye post bahut achhi hai...

P.N. Subramanian said...

इन माताओं को नमन. आभार इस जानकारी के लिए.

संगीता पुरी said...

जानकारी देने के लिए धन्‍यवाद .. सभी वीरांगनाओं को नमन .. आपको जन्माष्टमी और स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाईयां !!

वाणी गीत said...

इन भूली बिसरी वीरांगनाओं से परिचय करने के लिए आभार.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..!!

Batangad said...

विनीताजी
आजादी की बुलंद इमारत में कई नींव के पत्थर लगे हैं। ऐसी जानकारी सबको आगे बढ़ानी चाहिए।

लेकिन, भई विनोदजी ये आपसे किसने कहाकि आजादी दिलाने में इंदिरा गांधी की बड़ी भूमिका रही है?

ताऊ रामपुरिया said...

नमन इन वीरांगना बहनों को. भारतीय महिलाएं हमेशा ही पुरुषों के कंधे से कंधा लगाकर हर काम मे अग्रणी रही है. इन भूली बिसरी माताओ बहनों को आज याद करके आपने सच्ची श्रद्धांजली दी है. आपको भी बहुत धन्यवाद और शुभकामनाएं.

रामराम.

Ashok Kumar pandey said...

ज़रूरी जानकारी।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर जानकारी.

मुनीश ( munish ) said...

Jai Hind !