तीन अक्टूबर से १० तक कुछ नहीं ?किसी चित्र को देख कर आपके दिल में क्या विचार उत्पन्न होते है उन्हें एक्सप्रेस कीजिये =ये चित्र अपने नहीं है लेकिन इन पर जो लिखा जायेगा वह अपना होगा =विचारों के प्रकटीकरन में शब्दों का चयन मार्ग में बाधक हो जाया करता है =विचार तो बहुत उठते है मगर शब्दों के आभाव में व्यक्त कैसे करें /मगर धीरे धीरे समस्या सुलझने लगती है / किसी चित्र को देख कर हम किसी विचार में खो जाए और फिर उसे व्यक्त करें =उसकी बात अलग है /मेरा तो अनुरोध है कि चित्रों की प्रस्तुती के साथ यदि आपका स्वम का लेखन जुड़े तो बात ही अलग हो जायेगी /चित्र कभी हमारे नहीं होंगे लेकिन हमारे द्वारा लिखा गया सदा हमारा रहेगा
11 comments:
विनीता जी अच्छी तस्वीर लगी। आखिरी तस्वीर बहुत ही अच्छी है । बधाई जी आप को ईद की दर से मुबारकबाद
achchi photos
Lovely pics hain ji saari . thnx for d treat.
vineetaji,
achchi jankari di.
http://www.ashokvichar.blogspot.com
Vineeta Achhi photo lagayi hai tumne.........
What you said through pictures, people say through words. Please keep it up.
बहुत सुंदर, धन्यवाद!
achchhi tasveere hai, bina kuch kahe hi kaise bola jata hai, in tasveero ne bata diya.
Vishal
तस्बीरें सुंदर /बहुत महनत की गई /आम तौर से अनुपलब्ध तस्बीरों के लिए धन्यवाद
Achi lagi aapke post ki tasveerein. Dhanyawad aur swagat.
तीन अक्टूबर से १० तक कुछ नहीं ?किसी चित्र को देख कर आपके दिल में क्या विचार उत्पन्न होते है उन्हें एक्सप्रेस कीजिये =ये चित्र अपने नहीं है लेकिन इन पर जो लिखा जायेगा वह अपना होगा =विचारों के प्रकटीकरन में शब्दों का चयन मार्ग में बाधक हो जाया करता है =विचार तो बहुत उठते है मगर शब्दों के आभाव में व्यक्त कैसे करें /मगर धीरे धीरे समस्या सुलझने लगती है / किसी चित्र को देख कर हम किसी विचार में खो जाए और फिर उसे व्यक्त करें =उसकी बात अलग है /मेरा तो अनुरोध है कि चित्रों की प्रस्तुती के साथ यदि आपका स्वम का लेखन जुड़े तो बात ही अलग हो जायेगी /चित्र कभी हमारे नहीं होंगे लेकिन हमारे द्वारा लिखा गया सदा हमारा रहेगा
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