Thursday, December 23, 2010

कुछ यादें मसूरी की

अभी कुछ दिन पहले ही अपनी 'नानी के घर' मसूरी से वापस लौटी हूँ फिलहाल वहाँ की कुछ तस्वीरें लगा रही हूं। वृतान्त फिर लिखूंगी...

















13 comments:

  1. bahut sundar photo hain vineeta ,, lekh ka intzaar rahega :)

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  2. bahut bahut sundar foto! jaldi se vrittant bhi suna do ab :)

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  3. Do baar jana hua hai mussorie.pedon ke beech uthta dhuan sabse sundar laga.

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  4. kaun kab aur kaise kitni bar jaaye kahan kya tasweeren usko darj karti hain ? sundar photo hai vinnee.

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  5. मसूरी से इतनी बरफ दिख रही हैं।
    अभी मैं कुछ दिन पहले हरिद्वार गया था। वहां हर की पैडी से बरफ दिख रही थी। घोर आश्चर्य था यह।

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  6. Vakai 'Parvaton ki rani' hai Masuri. Shabd chitr ka intajar rahega.

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  7. मसूरी वाकई लाजवाब है.. आपकी तस्वीरों ने यह एक बार फिर साबित कर दिया

    हैपी ब्लॉगिंग

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  8. Neeraj ji...apki baat sunke to mujhe ab Haridwar mai Her Ki Pairi jane ka man kar ra hai...kuki mujhe to yaad nai parta ki maine kabi waha se barf dekhi ho...

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  9. वाह! पहाड़ों की बात ही कुछ और है. अतुलनीय.

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  10. आपको नववर्ष 2011 मंगलमय हो ।
    क्या बात है । मजा आ गया ।
    जितनी तारीफ़ की जाय कम है ।
    सिलसिला जारी रखें ।
    आपको पुनः बधाई ।
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

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  11. वैसे मसूरी सुन्दर जगह है. आपके चित्र भी सुन्दर लगे.

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