यह मेरे ब्लॉग की भी 100 वीं पोस्ट है।
भारत में मद्रा के स्वरूप में हमेशा ही बदलाव होता रहा है। पहले जो मुद्रा प्रचलन में थी वो इस समय के प्रचलित मुद्रा से बिल्कुल अलग थी। ऐसी ही एक मुद्रा मुझे देखने को मिली तो मेरे लिये किसी अजूबे से कम नहीं थी।
यह दस रुपय का नोट है जो 22 अक्टूबर 1919 के समय में प्रचलन में था और 2019 में अपने सौ वर्ष पूरे करेगा। उस समय के 10 रुपये इस समय के 10 रुपये से बिल्कुल ही अलग थे।
यह 21.2 सेमी. लम्बा और 13 सेमी. चौड़ा है।
इसमें एक ही तरफ छपाई है।
इसमें कलर प्रििन्टंग है ।
इसमें 9 भाषाओं का इस्तेमाल हुआ है।
इसमें वॉटर मार्क से अंग्रेज़ी में टैन लिखा हुआ है।
इसमें इस्तेमाल कागज़ आज लगभग 100 साल में भी सही सलामत है।
यह मुद्रा मुझे नैनीताल निवासी श्री राजेन्द्र लाल साह जी द्वारा मिली। राजेन्द्र जी नैनीताल के रंगकर्मी एवं कुमाउंनी होली गायक हैं। उन्हें यह उनके दादा जी स्व. श्री दास साह जी द्वारा प्राप्त इुई जिसे उन्होंने आज तक भी सम्भाल कर रखा है।
इस मौके पर आप हमारी ओर से 101 बधाईयां स्वीकारें।
ReplyDelete--------
ये इन्द्रधनुष होगा नाम तुम्हारे...
धरती पर ऐलियन का आक्रमण हो गया है।
bahut hi acchi collection hai
ReplyDeletebahut bahut badhayee 100th post ke liye aur itni achchi jankaari dene ke liye..
ReplyDeleteHappy Blogging
वाकई सौवी पोस्ट लायक पोस्ट है यह तो. सच मे पहली बार दर्शन हुये हैं सौ साल पुराने दस के नोट के. और जिसने भी इसे सहेज कर रखा है वो बधाई का पात्र है.
ReplyDeleteश्री राजेन्द्र लाल साह जी को नमन है. जिनकी वजह से आज इसके दर्शन हुये.
आपको सौवीं पोस्ट की बहुत बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. अगला शतक जल्द लगायें.
रामराम.
waah jab yae sab padhnae ko miltaa haen to blogger bannaa achcha lagtaa haen
ReplyDeleteaaj to badi durlabh cheese ke darshan kar diye..........shukriya.
ReplyDelete100 पोस्ट पूरी करने के अवसर पर कॉमिक वर्ल्ड की तरफ से बधाइयों का शतक स्वीकार करें.बहुत खूब.
ReplyDeleteवाकई इस पोस्ट पर १०१ वीं बधाई खुले मन से दी जा सकती है,बढ़िया-रोचक जानकारी.
ReplyDeletearre vinita
ReplyDeletemai bhi collection karta hun. mere paas bhi ye 10 rupaye ka note hai.
khareedna ho to bolo ?
जबरदस्त पोस्ट और नोट की फोटो तो बहुत ही अद्धुत ...
ReplyDeleteबधाई :)
ReplyDeleteअर्श
इसे देखकर यूं लगता है मानो तब इन्हें नोट छापने की अक़्ल ही नहीं थी :-)
ReplyDelete१०० वीं पोस्ट की बहुत बधाई और इतना पुराना नोट दिखाने का आभार.
ReplyDeleteलिखती रहो, शुभकामनाएँ.
बहुत बहुत बधाई विनीता- १००वी पोस्ट पर।
ReplyDeleteyour note wins my vote !! three cheers on ur century .
ReplyDeleteएक और बड़ा फ़र्क़ है. अब भारत सरकार केवल एक की नोट जारी करती है. शेष नोट भारतीय रिजर्व बैंक की ओर जारी किए जाते हैं. जबकि यह 10 का नोट तत्कालीन भारत सरकार की ओर से जारी है. इस पोस्ट के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteवाकई एक दुर्लभ नोट. शतक पूरा करने की बधाई!
ReplyDeletedhanyavaad
ReplyDelete