पिछली पोस्ट में मैंने रानीबाग में लगने वाले उत्तरायणी मेले के बारे में लिखा था पर कुछ समस्याओं के कारण तस्वीरें नहीं लगा पाई थी। इस पोस्ट में रानीबाग की कुछ तस्वीरें लगा रही हूं।
रानीबाग का मुख्य मन्दिर
जिया रानी की गुफा को जाने वाला रास्ता
जिया रानी की गुफा
जियारानी का मुख्य मन्दिर
नदी के किनारे लगे श्रृद्धालुओं की भीड़
जिया रानी का वो पत्थर जिसमें उनके घाघरे के निशान आज भी हैं
तट पर पूजा कराते श्रद्धालु
रानीबाग में लगी दुकानें
तट पर पूजा करते श्रद्धालु...ये फोटो देखकर हंसी रुक नहीं रही है. आस्था का मसला है, इसलिए नो कमेन्ट
ReplyDeleteअच्छा लगा तस्वीरों के जरिए यह स्थान घूमना..
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति बहुत समृद्ध है और हमें इस पर गर्व करना चाहिए..
हैपी ब्लॉगिंग
विनीता जी , बहुत ही सुंदर पोस्ट , तस्वीरों ने सुंदरता बढा दी है ,आभार
ReplyDeleteअजय कुमार झा
बहुत सुंदर तस्वीरे, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
तस्वीरों के साथ रोचक जानकारी.
ReplyDeletesach kahun to maza aagayaa... :)
ReplyDeletearsh
सुन्दर है पोस्ट
ReplyDeleteसुन्दर हैं चित्र
सुन्दर है पूजा-पाठ
सुन्दर है उत्तरांचल
बहुत सुन्दर है भारत
लेकिन विनीता जी ये पीला कपडा ओढ़े दो लोग किस चीज की पूजा कर रहे हैं ?
Creative Manch : Yah yagyopavit sanskar kar rahe hai...
ReplyDeleteThose who are not aware of this ritual depicting yellow cloth should know that this is how Gurus in ancient India gave 'deeksha' or 'guru-mantra' to shishyaas. It is symbolic of no-third party in between and there is nothing laughable at all.
ReplyDeleteबहुत कुछ कह गईं ये तस्वीरें। आपने तो पूरी यात्रा करा दी।
ReplyDeleteधन्यवाद।