ब्रह्मताल उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च हिमालय में स्थित एक बहुत ही खुबसूरत झील है। स्थानीय मान्यता के अनुसार ऋषि वेद व्यास जब वेदों की रचना कर रहे थे, उस समय अन्हें पन्ने पलटने के लिये पानी की आवश्यकता पड़ी और उन्होंने भगवान ब्रह्मा से प्रार्थना की। ब्रह्मा ने वेद व्यास की प्रार्थना पर इस झील का निर्माण किया और इसका नाम ब्रह्मताल पड़ गया। ब्रह्मताल का पानी बिल्कुल पारदर्शी है पर इसका रंग गहरा काला नजर आता है।
यहाँ से हिमालय की कई चोटियाँ जैसे त्रिशूल, कामेट, नन्दाघुंटी अपने विराट स्वरूप में नजर आती हैं।
ब्रह्मताल पहुँचने से पहले एक झील और पड़ती है जिसका नाम बेकलताल है। यह काफी बड़ी और खूबसूरत झील है। देखने पर इसका पानी हरे रंगा का नजर आता है जो कि इसके चारों ओर के जंगलों की परछाई इस पर पड़ने के कारण होता है। मान्यता है कि इस ताल में नाग देवता का निवास है और नाग देवता ही इस झील की सुरक्षा करते हैं। झील से लगा हुआ नाग देवता का एक छोटा सा मंदिर भी है।
वसंत के मौसम में यहाँ आने पर बुरांश के फुलों से लदे पेड़ दिखायी दे जाते हैं जो यहाँ की खुबसूरती को और बढ़ा देते हैं। बीच-बीच में छोटे-छोटे से गांव भी नजर आते हैं जिनके सामने लगे हुए सरसों के खेतों का पीलापन बेहद आकर्षक लगता है।
जब में ब्रह्मताल पहुँची उस समय मौसम के अचानक ही बदल जाने के कारण भारी बर्फबारी शुरू हो गयी और पूरा इलाका सफेद रंग से भर गया। कुछ समय पहले जो रंगीन रंग बिखरे हुए थे वो सब पलक झपकते ही श्याम व श्वेत रंग में बदल गये।
आज ब्लागिंग दिवस पर मैं ब्रह्मताल की कुछ तस्वीरें ही पोस्ट कर रही हूँ। आने वाले समय में जल्द ही पूरी पोस्ट अपनी इस यात्रा पर लिखूंगी।
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
ब्रह्मताल पर बहुत ही सुंदर जानकारी दी. बहुत ही सुंदर तस्वीरें ली हैं आपने. इनको देखकर तो एकदम स्वर्गिक सौंदर्य यहां पर, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDelete#हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
रामराम
०५२
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-07-2016) को "ब्लॉगिंग से नाता जोड़ो" (चर्चा अंक-2653) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
अरे वाह, आप यहाँ भ्रमण भी कर आयी,
ReplyDeleteचोटियों के बीच बेहद सुंदर स्थल,
जानकारी से भरपूर
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी
ReplyDeleteक्लासिक छायांकन
शुभकामनाएं
बहुत ही सुन्दर मनोरम तस्वीरें !
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