Tuesday, November 30, 2010

मेरा नैनीताल

सर्दियों में नैनीताल के दो अलग अलग रंग

 शाम के समय


सुबह के समय

15 comments:

  1. उत्तराखंडी होने के बावजूद कभी नैनीताल नहीं गया | शर्म आती है मुझे अपने पर...

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  2. काश यह सुबह और शाम अपनी होती :))
    बहुत सुंदर विनीता

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  3. बहुत सुंदर, इतने सुंदर की शब्दों की जरूरत ही नही. सीधे समा गये. शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. very sharp pics . congrats on buying new camera !

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  5. Naye Camere ki nai tasveeron ki badhai, aur tasveeron ki bhi pratiksha rahegi.

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  6. thanks Munish, Thanx Abhishake and thanx to u all...

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  7. खूबसूरत तस्वीरें। पहला दृश्य शायद स्नो व्यू से लिया गया है, वहाँ से ‘पैरामीशियम’ के आकार की झील अपनी सम्पूर्णता में दिखायी देती है।

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  8. "यो मेरो कुमाऊं यो मेरो गढ़वाला"..
    पहली बार आपके ब्लॉग पे आया और मन हर्षित हो गया ..जिस तरीके से आपने उतराखंड को संजोया है अपने ब्लॉग पर वह सराहनीय है !
    धन्यवाद !!

    Darshan

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