Friday, October 22, 2010

कुछ पुराना सा मसूरी

मसूरी के साथ बचपन से ही मेरा रिश्ता रहा है क्योंकि मसूरी मेरा ननिहाल है और आज अपने दूसरे सबसे प्यारे शहर की कुछ बहुत पुरानी तस्वीरें अपने ब्लाग में लगा रही हूं।









8 comments:

मुनीश ( munish ) said...

Today,unforunately,due to selfish ways of ex-UP govts. it has lost its old charm ,but memories still linger.

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

विनीता जी,हम जब मसूरी पहुंचे तो गाईड ने कहा कि मसूरी के मौसम और.........। गन हिल, माल रोड़ और उसके बाद कैम्प टी फ़ॉल अभी तक याद है। देहरादुन वापस आते हुए रास्ते में एक जगह गरम-गरम कढी और चावल का प्रसाद मिलता है। बड़ा स्वादिस्ट था। मैने उसी दिन से कढी खानी शुरु की। इससे पहले मैं कढी नहीं खाता था।
चलती का नाम गाड़ी
पर मेरे यात्रा संस्मरण है।

निर्मला कपिला said...

वेनीता अब इतना कुछ दिखाओगी तो मन तो ललचायेगा ही वहाँ जाने के लिये। देखते हैं कब तुम्हारे शहर का पानी नसीब होगा। आशीर्वाद।

ताऊ रामपुरिया said...

अब तो सिर्फ़ तस्वीरों मे ही यह सौंदर्य जिंदा है वर्ना तो ज्यादातर हिल स्टेशंस आधुनिक शहरों की मानिंद कांक्रीट का जंगल बन चुके हैं.

रामराम.

सुनीता said...

वहां आने कि ललक बढ़ गयी :)
धन्यवाद

रंजू भाटिया said...

बहुत पहले देखा मसूरी याद आ गया

अभिषेक मिश्र said...

Vakai manbhaavan tasveerein.

आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) said...

masoorie is really one of the most b'ful cities in India. Old pictures are giving a very natural view..thanks for presenting..

Happy Blogging